सोमवार, 15 मई 2023

टमाटर की चटनी कैसे बनाए ? टमाटर की चटनी बनाने का तरीका । टमाटर की चटनी बनाने की विधि।

 

टमाटर की चटनी:

टमाटर की चटनी बनाना बहुत ही आसान होती है और भारत में सभी जगह बनाई जाती है। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि भारत के हर राज्य में कोई भी सब्जी या पकवान बनाने की विधि अलग अलग होती है, स्वाद भी अलग अलग होता है। उसी तरह टमाटर की चटनी, नाम एक है पर इसको बहुत सारे अलग तरह से बना सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा तरीका जो बहुत ही आसान है और स्वादिष्ट भी है। तो चलिये देखते हैं इसे कैसे बनाना है।


टमाटर की चटनी बनाने की सामग्री:
2 या 3 बड़े टमाटर
1 प्याज़ 
1चम्मच सरसों का तेल
8 से 10 लहसुन की कलियां
नमक स्वादानुसार 
हरी धनिया पत्ती 
हरी मिर्च
 नींबू का रस

टमाटर की चटनी बनाने की विधि:
 सबसे पहले एक बर्तन में सरसों का तेल डाल लें। फिर उस में टमाटर के दो हिस्से करके डालें और साथ में लहसुन की कलियां भी डालें । 1 से 2 मिनट के लिए पकने दें और फिर ढक्कन हटा  कर टमाटर को पलट दें और फिर   से ढंक कर पकने दें। जब टमाटर पाक जाए तो गैस बंद कर दें।


अब आप चम्मच या हाथ से इसे मैश कर लें । 


अब इसमें नमक स्वादानुसार डालें।  बारिक कटी हुई धनिया पत्ती , हरी मिर्च और प्याज़ डालें । अब एक चम्मच जितना नींबू का रस डालें । अब सभी को अच्छे से मिक्स कर दें।


चटनी बनकर तैयार है । अब आप इसको रोटी या पराठे के साथ खाइए ।  ये चटनी बहुत ही स्वादिष्ट है । जरूर बनाइए । 

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टमाटर की चटनी बनाने की विधि को  अच्छे से देखने के लिए ये वीडियो देखें।



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धन्यवाद

 नोट: सरसो के तेल की जगह कोई दूसरा खाने का तेल या घी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

शनिवार, 13 मई 2023

Mother's day Special

 माँ•••••••• एक अहसास भरा शब्द। 

अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हो तो आप इस अहसास के साथ पढिएगा , तभी आप इसे महसूस कर पाएँगे। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप एक पुरूष हैं या महिला , आप इसे पढ़ें तो अपनी माँ को याद करके पढ़ें , उसकी ममता को याद करके पढ़ें। आप हर शब्द को महसूस कर पाएँगे।



माँ और शिशु का रिश्ता

जैसा मैने कहा है अहसास भरा शब्द। यह अहसास तो तब से जुड़ जाता है जब शिशु एक बूंद से भी छोटा होता है। तब सिर्फ genes ही नहीं मिलते हैं साथ में शिशु और माँ का अहसास भी मिलता है। इसे आपने महसूस भी किया होगा तब जब आप परेशान होते हैं। जब आप परेशान हो फर्क नहीं पड़ता आप माँ के पास हो या किसी और शहर में। अगर पास में हो तो माँ को गले लगाइए या उसकी गोद में सर रख कर लेट जाइए। अपनी परेशानी माँ को बता सकते हैं तो बताइए नहीं बता सकते तो नहीं बताइए फिर भी आप माँ के साथ होंगे अच्छा महसूस करेंगे। अगर आप माँ से दूर हैं तब बस आप उनको फोन करें। इस समय भी परेशानी बता सकते हैं तो बताइए नहीं तो नही। आप फोन पर बातें कुछ भी करिए। फिर भी अच्छा महसूस करेंगे। पता है ऐसा क्यूँ होता है जबकि हमने तो कुछ बताया ही नहीं , अपने दुख बाँटे ही नही•••• ऐसा इसलिए होता है कि जब भी हम माँ को गले लगाते हैं या उनकी आवाज सुनते हैं हमारे शरीर में एक Happy Hormone (Oxytocin) release होता है । जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। यह अहसास दोनों तरफा है मतलब अगर माँ भी कभी किसी वजह से अच्छा महसूस न करे , तब वह भी अपने बच्चे को गले लगा कर खुश होती है। अब उन लोगों को बिल्कुल भी निराश नही करूँगी जो अपनी माँ को फोन भी नहीं कर सकते , क्यूँकि ममता का बँधन इतना मजबूत होता है कि माँ को याद करके या उनकी तस्वीर देख कर हम खुश होते हैं। 



क्या जिसने जन्म नहीं दिया उसमें यह अहसास नहीं होता!!!

मैं जिस अहसास की बात कर रहीं हूँ वह तो गर्भनाल (umbilical cord) की वजह से है जो माँ और शिशु का एक प्यारा बँधन है। पर ममता का बँधन हर किसी का हो सकता है चाहे आप महिला हो या पुरूष।  जब आप किसी भी शिशु को पालते हैं ममता का अहसास आ ही जाता है। फिर चाहे हम माँ हो पिता हों या बड़े भाई बहन। 

माँ एक अनमोल उपहार 

माँ पहचान जाती है अपने बच्चे की खुशी या गम बिना कहे। यह सच में एक अनोखा अहसास है । हम अपनी माँ को कुछ बताए या न बताए पर वह हमारे चेहरे को देखकर या आवाज ही सुन कर समझ जाती है कि हमें उसकी जरूरत है। माँ ही है जो चाहती है कि हम हमेशा खुश रहें चाहे उनके साथ रहें या न रहें , बस खुश रहें। माँ अपने बच्चे की हमेशा तरक्की की प्रार्थना करती है। लेकिन अगर बच्चा किसी मोड़ पर असफल हो जाता है वह तब भी बच्चे का साथ देती है। अगर बच्चे कोई ऐसी राह पकड़ ले जो सही नहीं है , तब भी तो ही बच्चे को सही सलाह देती है। कहते हैं न कि जिसके पास माँ है वह सबसे अमीर है, सही ही कहते हैं।


 

बस माँ के लिए एक line कहना चाहती हूँ

"माँ तू ही तो है संसार मेरा,

अगर तू न होती तो मैं संसार में कहाँ" 


शुक्रवार, 12 मई 2023

पशुपतिनाथ जी के व्रत के प्रसाद में क्या बनाए!!

 


पशुपतिनाथ व्रत की महिमा तो आपने सुने ही होंगे। पशुपतिनाथ जी शिव जी का ही स्वरूप ही और उनका व्रत करना भी बहुत आसान है। अगर मन से पूजा की जाए तो भगवान सभी की सुनते हैं और अगर उन्हें प्रसाद हमने अपने हाथ से बना कर भोग लगा दिया तो भगवान अति प्रसन्न होते हैं। पशुपतिनाथ व्रत अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए और मन की शांति के लिए किया जाता है। भगवान की आप जब भी पूजा करें और खुद से फूल तोड़कर, पूजा की थाली सजा कर, खुद के हाथ से बना प्रसाद का भोग लगाते हैं तो आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होती है।

पशुपतिनाथ व्रत में कैसे भोग लगाते हैं!!
अगर आप पशुपतिनाथ व्रत करते हैं तो आपको पता ही होगा कि उसमें बनने वाले प्रसाद के 3 हिस्सों में किए जाते हैं। जिनमें से 2 हिस्से भगवान जी को अर्पित किये जाते हैं और एक हिस्सा हम खुद लेते ही जिसने व्रत किया है। ये तीसरा हिस्सा किसी को भी बाँटा नहीं जाता है। तीसरे हिस्से को उस व्यक्ति को ही ख़तम करना होता है जिसने व्रत रखा है।

पशुपतिनाथ व्रत में प्रसाद में क्या बनाए!!
पशुपतिनाथ व्रत में अगर आपने पूरा एक दिन फलाहार की प्रतिज्ञा रखे हैं तो आपको प्रसाद में फलाहार ही बनाना होगा क्यूँकी वो प्रसाद आपको भी खाना है। इस व्रत में मीठा प्रसाद ही चढ़ाया जाता है। फलाहार में आप साबूदाना की खीर, राजगीरा की खीर, सिंघाड़े की खीर बना सकते हैं या हलवा , कुछ मेवे की खीर या मखाने की खीर आदि आप बना सकते हैं।
यदि आपने व्रत के लिए प्रतिज्ञा किए है कि रात की पूजा के बाद आप पूरा खाना खा सकते है जिसमें अनाज और सब्जियां आती है तो फिर आप भगवान के लिए प्रसाद में मीठे में कुछ भी बना सकते हैं। जैसे आप खीर, मीठी पुड़ी, मीठा पराठ, मिठाई , रसगुल्ला, गुलाब जामुन आदि आप बना सकते हैं।

सूजी का शाही हलवा:


सूजी का हलवा आपने बनाए ही होंगे पर आज हम आपको सूजी का हलवा बनाने का एक अलग तरीका बता रहे हैं जो स्वाद में बहुत ही अच्छा है। हम बना रहे हैं शाही हलवा । इसे मखंडी हलवा भी कहते हैं। इसको बनाने का तरीका भी सरल है और आप इसको पशुपतिनाथ व्रत में भी भोग लगा सकते हैं।
 इसे बनाने के लिए आप पहले सामग्री देख ले:
• एक चौथाई कप सूजी
• एक कप दूध
• एक चौथाई कप शक्कर
 • 4 चमच घी
• कुछ मेवे (काजू, बादाम,  किसमिस आदि)
• इलाइची का पाउडर

हलवा बनाने की विधि:
सबसे पहले आप सूजी और दूध मिला कर ढाँक कर 15 से 20 मिनट के लिए रखें।


 जब तक सूजी भीग रही है तब तक आप एक बर्तन में शक्कर लेकर धीमे आंच में पिघलाएँ। जब शक्कर आधी से ज्यादा पिघल जाए  तब आप घी डाल सकते हैं। फिर इसको तब तक पिघलाएँ जब तक ये शहद की तरह न दिखने लगे। 


जब शक्कर पिघल जाए और शहद जैसी हो जाए तब इस में आप कटे हुये मेवे डालें।
आप मेवे को हल्का घी में भून कर भी डाल सकते हैं इससे अच्छा स्वाद आता है। साथ में इलाइची पाउडर भी डाल दें और तुरंत ही आप दूध और सूजी का घोल भी डाले। जैसे ही आप सूजी और दूध डालेंगे शक्कर जम जाएगी। पर आप परेशान नहीं होना क्यूँकी ये स्वाभाविक है क्यूँकि हमने दूध डाला है जो थोड़ा ठंडा है। फिर जैसे ही आंच लगेगी शक्कर फिर से पिघलने लगेगी । आप हलवे को इस समय लगतार चलाये।


 कुछ मिनट में ही हलवा बनकर तैयार हो जाएगा।



 नोट: आप हलवा कम ही बनाए जितना आप खा पाएँ। क्यूँकी भगवान के लिए बने गए प्रसाद का आपको 3 बराबर हिस्से करने हैं।  जिनमे से एक हिस्सा स्वयं खाना है। तो आप उतना ही बनाइए जितना आप खा पाएँ।

अगर आपको अपने बच्चे , पति या फिर परिवार के लिए भी ये हलवा बनाना है तो आप दुबारा दूसरे बर्तन में बना ले। परंतू जो प्रसाद के लिए बना है वो पूरा आपको मंदिर ले जाना है। आप उसमे से थोड़ा सा परिवार के लिए नहीं छोड़ सकते।

आपको ये रेसिपी कैसी लगी ज़रूर बताइए। अगली रेसिपी के लिए मेरे अगले ब्लॉग का इंतजार कीजिये। पसंद आई हो तो शेयर जरूर करें|


मंगलवार, 9 मई 2023

बची हुई दाल का परांठा

  नमस्कार दोस्तों,

 आज हम बहुत ही अच्छा भोजन बनाने जा रहे हैं जो बहुत ही आसान है और साथ ही पौष्टिक भी क्योंकि अक्सर हमारे घर में दाल बच जाती है और फिर सुबह की बची हुई दाल रात को कोई खाना नहीं चाहता तो ऐसे में आप परांठे बना लीजिए मसाला पराठा जो बहुत ही टेस्टी लगता है इसे बच्चे भी का सकते हैं बड़े भी।
तो पहले आप सामाग्री देख लें
सामाग्री:
• तीन चौथाई कप गेंहूँ का आटा
• एक चौथाई कप बेसन 
• प्याज 
• अदरक 
• लहसुन 
• बची हुई दाल 
• नमक 
• लाल मिर्च पाउडर 
• हींग 
• धनिया पत्ती 
• दही
• पानी
• तेल 

 इसके लिए हम तीन चौथाई हिस्सा गेहूं का आटा 1/4 हिस्सा बेसन लेंगे 


उसमें बारिक कटी हुई प्याज, बारिक कटे हुए अदरक और लहसुन डालें।


 आप अदरक लहसुन कद्दूकस करके भी डाल सकते हैं या पेस्ट भी दाल सकते हैं लेकिन आप ताजा अदरक लहसुन इस्तेमाल करें तो बहुत ही अच्छा टेस्ट आएगा । फिर हम इसमें बची हुई दाल डालेंगे 


 फिर थोड़ा नमक क्योंकि दाल में है तो ध्यान से डालिएगा । थोड़ा सा काला नमक उससे टेस्ट बहुत अच्छा लगता है । गरम मसाला , लाल मिर्च पाउडर डाल लीजिए । आप बारीक कटी हुई हरी मिर्च भी डाल सकते हैं और फिर डालेंगे हम बारिक कटी हुई हरी धनिया पत्ती और उसमें हम डालेंगे थोड़ी सी हींग , 2 चम्मच से एक चौथाई कप तक दही डालिए ।


 अब जरूरत अनुसार पानी डाल कर आटा गूँथे और ढँक कर 15 से 20 मिनट के लिए रख दें।  15 से 20 मिनट बाद इसमें हम गूँथे हुए आटे के बराबर छोटे छोटे हिस्से करें अब सूखा आटा लगाकर इसे बेल लें ।


 अब रोटी को गर्म तवे पे रखें एक साइड पर हल्का सा सिक जाए तो पलट कर आप तेल लगा लीजिए । दोनों तरफ तेल लगाकर मीडियम फ्लेम पर अच्छे से हम इसे सेक लेंगे ।


 मसाला परांठा तैयार है । 


इस पराठे को दही या आचार के साथ खाएँ। 
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फिर मिलेंगे अगली रेसिपी के साथ। 
धन्यवाद 🙏