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शनिवार, 13 मई 2023

Mother's day Special

 माँ•••••••• एक अहसास भरा शब्द। 

अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हो तो आप इस अहसास के साथ पढिएगा , तभी आप इसे महसूस कर पाएँगे। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप एक पुरूष हैं या महिला , आप इसे पढ़ें तो अपनी माँ को याद करके पढ़ें , उसकी ममता को याद करके पढ़ें। आप हर शब्द को महसूस कर पाएँगे।



माँ और शिशु का रिश्ता

जैसा मैने कहा है अहसास भरा शब्द। यह अहसास तो तब से जुड़ जाता है जब शिशु एक बूंद से भी छोटा होता है। तब सिर्फ genes ही नहीं मिलते हैं साथ में शिशु और माँ का अहसास भी मिलता है। इसे आपने महसूस भी किया होगा तब जब आप परेशान होते हैं। जब आप परेशान हो फर्क नहीं पड़ता आप माँ के पास हो या किसी और शहर में। अगर पास में हो तो माँ को गले लगाइए या उसकी गोद में सर रख कर लेट जाइए। अपनी परेशानी माँ को बता सकते हैं तो बताइए नहीं बता सकते तो नहीं बताइए फिर भी आप माँ के साथ होंगे अच्छा महसूस करेंगे। अगर आप माँ से दूर हैं तब बस आप उनको फोन करें। इस समय भी परेशानी बता सकते हैं तो बताइए नहीं तो नही। आप फोन पर बातें कुछ भी करिए। फिर भी अच्छा महसूस करेंगे। पता है ऐसा क्यूँ होता है जबकि हमने तो कुछ बताया ही नहीं , अपने दुख बाँटे ही नही•••• ऐसा इसलिए होता है कि जब भी हम माँ को गले लगाते हैं या उनकी आवाज सुनते हैं हमारे शरीर में एक Happy Hormone (Oxytocin) release होता है । जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। यह अहसास दोनों तरफा है मतलब अगर माँ भी कभी किसी वजह से अच्छा महसूस न करे , तब वह भी अपने बच्चे को गले लगा कर खुश होती है। अब उन लोगों को बिल्कुल भी निराश नही करूँगी जो अपनी माँ को फोन भी नहीं कर सकते , क्यूँकि ममता का बँधन इतना मजबूत होता है कि माँ को याद करके या उनकी तस्वीर देख कर हम खुश होते हैं। 



क्या जिसने जन्म नहीं दिया उसमें यह अहसास नहीं होता!!!

मैं जिस अहसास की बात कर रहीं हूँ वह तो गर्भनाल (umbilical cord) की वजह से है जो माँ और शिशु का एक प्यारा बँधन है। पर ममता का बँधन हर किसी का हो सकता है चाहे आप महिला हो या पुरूष।  जब आप किसी भी शिशु को पालते हैं ममता का अहसास आ ही जाता है। फिर चाहे हम माँ हो पिता हों या बड़े भाई बहन। 

माँ एक अनमोल उपहार 

माँ पहचान जाती है अपने बच्चे की खुशी या गम बिना कहे। यह सच में एक अनोखा अहसास है । हम अपनी माँ को कुछ बताए या न बताए पर वह हमारे चेहरे को देखकर या आवाज ही सुन कर समझ जाती है कि हमें उसकी जरूरत है। माँ ही है जो चाहती है कि हम हमेशा खुश रहें चाहे उनके साथ रहें या न रहें , बस खुश रहें। माँ अपने बच्चे की हमेशा तरक्की की प्रार्थना करती है। लेकिन अगर बच्चा किसी मोड़ पर असफल हो जाता है वह तब भी बच्चे का साथ देती है। अगर बच्चे कोई ऐसी राह पकड़ ले जो सही नहीं है , तब भी तो ही बच्चे को सही सलाह देती है। कहते हैं न कि जिसके पास माँ है वह सबसे अमीर है, सही ही कहते हैं।


 

बस माँ के लिए एक line कहना चाहती हूँ

"माँ तू ही तो है संसार मेरा,

अगर तू न होती तो मैं संसार में कहाँ" 


बुधवार, 29 मार्च 2023

पिता

                                                                     पिता 
पिता होना कोई आसान है।  पिता होने के बाद सिर्फ माँ नहीं बल्कि पिता में भी बदलाव होता है। जो आदमी अभी तक अपने बारे में सोचता , अपने लिए पैसे खर्च करता, थोड़ी थोड़ी बात में गुस्सा करना, ज़िद करना लेकिन जैसे ही वो पिता बनता है सारी चीज़ें बदल जाती है।  सबसे बड़ा बदलाव होता है गुस्सा कम करना क्यूँकि अब उसकी जिंदगी में एक और इंसान आ गया है ज़िद करने वाला।  अब उसे एक बच्चे को सम्हालना है और साथ ही साथ अपनी पत्नी को भी।  माँ एक बच्चे को सम्हालती है परन्तु पिता माँ और बच्चा दोनों को ख्याल रखता है हर पल। अब वो पैसे और कमाना  चाहता है अपने लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए क्यूंकि अब उसका एक परिवार है जिसका ख्याल उसे रखना है।

 अच्छा , पिता अपनी जिंदगी में बच्चे के लिए कुछ भी करे पर फिर भी वो उतना करीब नहीं आ पता जितना माँ होती है।  पिता अपने बच्चे से बहुत प्यार करता है पर पता नहीं क्यूं दिखा नहीं पाता शायद उन्हें दिखाना नहीं आता।  माँ को सारे अहसास दिखाते आता है प्यार, गुस्सा, ग़म उदासी, ख़ुशी .... और माँ जीत जाती है बच्चे के करीब आने से। 

     मुझे याद है जब पहली बार मेरा चयन नवोदय विद्यालय में हुआ था। पापा मुझे हॉस्टल में छोड़ कर आये , उन्हें तो कभी मुझे वह भेजना ही नहीं था पर मेरी ज़िद थी हॉस्टल में पढ़ना। जिस मेरे माता पिता मुझे छोड़ कर आये वो बार बार पलट कर देख रहे थे कि में उन्हें देखूँ और अपना विचार बदलूँ पर में मुड़  कर भी नहीं देखी उस दिन पापा घर आकर खाना ही अच्छे से नहीं खा पाए।  माँ बताती हैं की उनकी आँखों में आंसू थे और उदास भी थे की मैंने मुड़ कर भी उन्हें नहीं देखा। मेरे पिता ने उस समय भी अपना अहसास मुझे नहीं बता पाए और अभी भी नहीं बताते। पिता ऐसे ही होते हैं वो कभी जता ही नहीं पाते कि वो हमसे कितना प्यार करते हैं और हम बच्चे कोशिश भी नहीं करते उनको समझने की हालाँकि पिता समझ जाते हैं बच्चो का हर एक अहसास बिना कहे ही।  

सच में !! कुछ तो जादू होता है उनके पास बिना कहे समझ जाना कि बच्चे को क्या चाहिए।  वो कहते हैं न की एक पिता भले ही कोई राजा न हो पर उसके बच्चे को हमेशा वो एक राजकुमार या राजकुमारी की तरह रखते हैं ऐसा तो मैंने खुद ही महसूस किया है और जिया भी है।  पापा से कभी कुछ मुझे माँगना ही नहीं पड़ा पता नहीं कैसे बिना मांगे सब मिल जाता। पिता अमीर हो या न हो पर दिल के अमीर होते हैं और अपने बच्चों के लिए सबसे अमीर। 

  पिता बच्चों को सामने बैठ कर भले ही कुछ न समझाए पर माँ के जरिये ही वो समझाते हैं। ऐसा आज के जमाने में नहीं होता पर हमारे समय पर पिता ऐसे ही होते थे। वो बच्चो को प्यार नहीं दिखाते थे क्यूंकि वो बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे।  जो बहुत जरुरी है। बच्चें कही बड़े हो भी जाये पर फिर भी पिता को चिंता रहती है बच्चे की कि मेरा बेटा या बेटी बड़े होकर क्या करेंगे, क्या वो इतने काबिल बन गए हैं कि मेरा बिना रह सकते हैं।  ये चिंता हर एक पिता को होती है।  सोचा जाये तो ये एक बड़ा बलिदान है क्यूंकि पिता बनने के बाद इंसान सिर्फ पिता और पति होता है फिर उसे खुद के लिए सोचने के लिए समय ही नहीं होता।  
                         

         पिता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके से बच्चों को जिंदगी की सभी चीज़ें सिखाते हैं फिर चाहे वो रिश्ते की कीमत हो या की किसी चीज़ की। मुझे याद है की मेरे पापा मुझे बोलते थे कि एक घूँट , एक गिलास या आधा गिलास पानी लाना।।। ये निर्भर करता था कि उन्हें प्यास कितनी लगी है।  हम हँसते थे कि एक गिलास बोलिये ये "एक घूँट या आधा गिलास पानी लाना" क्या होता है।  तो पापा बोलते थे क्यूँ पानी बर्बाद करना जब सिर्फ एक घूँट की प्यास लगी है।  अब लगता है सही बोलते हैं पापा कि पानी भले ही मुफ्त में मिलता है पर बहुत कीमती है उसकी इज्जत करना सीखो।  ठीक उसी तरह रिश्ते भी मुफ्त में मिलते हैं पर बहुत कीमती है इज्जत करना सीखो। 
पापा के बारे में बताने को बहुत कुछ है पर ज्यादा लम्बा ब्लॉग लिखना सही नहीं है , अभी इतना बस ही  बाकि कभी और लिखूँगी।  ये मेरा पहला ब्लॉग है सोचा पापा के लिए लिखूँ  कैसा लगा जरूर बताइएगा