शुक्रवार, 12 मई 2023

पशुपतिनाथ जी के व्रत के प्रसाद में क्या बनाए!!

 


पशुपतिनाथ व्रत की महिमा तो आपने सुने ही होंगे। पशुपतिनाथ जी शिव जी का ही स्वरूप ही और उनका व्रत करना भी बहुत आसान है। अगर मन से पूजा की जाए तो भगवान सभी की सुनते हैं और अगर उन्हें प्रसाद हमने अपने हाथ से बना कर भोग लगा दिया तो भगवान अति प्रसन्न होते हैं। पशुपतिनाथ व्रत अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए और मन की शांति के लिए किया जाता है। भगवान की आप जब भी पूजा करें और खुद से फूल तोड़कर, पूजा की थाली सजा कर, खुद के हाथ से बना प्रसाद का भोग लगाते हैं तो आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होती है।

पशुपतिनाथ व्रत में कैसे भोग लगाते हैं!!
अगर आप पशुपतिनाथ व्रत करते हैं तो आपको पता ही होगा कि उसमें बनने वाले प्रसाद के 3 हिस्सों में किए जाते हैं। जिनमें से 2 हिस्से भगवान जी को अर्पित किये जाते हैं और एक हिस्सा हम खुद लेते ही जिसने व्रत किया है। ये तीसरा हिस्सा किसी को भी बाँटा नहीं जाता है। तीसरे हिस्से को उस व्यक्ति को ही ख़तम करना होता है जिसने व्रत रखा है।

पशुपतिनाथ व्रत में प्रसाद में क्या बनाए!!
पशुपतिनाथ व्रत में अगर आपने पूरा एक दिन फलाहार की प्रतिज्ञा रखे हैं तो आपको प्रसाद में फलाहार ही बनाना होगा क्यूँकी वो प्रसाद आपको भी खाना है। इस व्रत में मीठा प्रसाद ही चढ़ाया जाता है। फलाहार में आप साबूदाना की खीर, राजगीरा की खीर, सिंघाड़े की खीर बना सकते हैं या हलवा , कुछ मेवे की खीर या मखाने की खीर आदि आप बना सकते हैं।
यदि आपने व्रत के लिए प्रतिज्ञा किए है कि रात की पूजा के बाद आप पूरा खाना खा सकते है जिसमें अनाज और सब्जियां आती है तो फिर आप भगवान के लिए प्रसाद में मीठे में कुछ भी बना सकते हैं। जैसे आप खीर, मीठी पुड़ी, मीठा पराठ, मिठाई , रसगुल्ला, गुलाब जामुन आदि आप बना सकते हैं।

सूजी का शाही हलवा:


सूजी का हलवा आपने बनाए ही होंगे पर आज हम आपको सूजी का हलवा बनाने का एक अलग तरीका बता रहे हैं जो स्वाद में बहुत ही अच्छा है। हम बना रहे हैं शाही हलवा । इसे मखंडी हलवा भी कहते हैं। इसको बनाने का तरीका भी सरल है और आप इसको पशुपतिनाथ व्रत में भी भोग लगा सकते हैं।
 इसे बनाने के लिए आप पहले सामग्री देख ले:
• एक चौथाई कप सूजी
• एक कप दूध
• एक चौथाई कप शक्कर
 • 4 चमच घी
• कुछ मेवे (काजू, बादाम,  किसमिस आदि)
• इलाइची का पाउडर

हलवा बनाने की विधि:
सबसे पहले आप सूजी और दूध मिला कर ढाँक कर 15 से 20 मिनट के लिए रखें।


 जब तक सूजी भीग रही है तब तक आप एक बर्तन में शक्कर लेकर धीमे आंच में पिघलाएँ। जब शक्कर आधी से ज्यादा पिघल जाए  तब आप घी डाल सकते हैं। फिर इसको तब तक पिघलाएँ जब तक ये शहद की तरह न दिखने लगे। 


जब शक्कर पिघल जाए और शहद जैसी हो जाए तब इस में आप कटे हुये मेवे डालें।
आप मेवे को हल्का घी में भून कर भी डाल सकते हैं इससे अच्छा स्वाद आता है। साथ में इलाइची पाउडर भी डाल दें और तुरंत ही आप दूध और सूजी का घोल भी डाले। जैसे ही आप सूजी और दूध डालेंगे शक्कर जम जाएगी। पर आप परेशान नहीं होना क्यूँकी ये स्वाभाविक है क्यूँकि हमने दूध डाला है जो थोड़ा ठंडा है। फिर जैसे ही आंच लगेगी शक्कर फिर से पिघलने लगेगी । आप हलवे को इस समय लगतार चलाये।


 कुछ मिनट में ही हलवा बनकर तैयार हो जाएगा।



 नोट: आप हलवा कम ही बनाए जितना आप खा पाएँ। क्यूँकी भगवान के लिए बने गए प्रसाद का आपको 3 बराबर हिस्से करने हैं।  जिनमे से एक हिस्सा स्वयं खाना है। तो आप उतना ही बनाइए जितना आप खा पाएँ।

अगर आपको अपने बच्चे , पति या फिर परिवार के लिए भी ये हलवा बनाना है तो आप दुबारा दूसरे बर्तन में बना ले। परंतू जो प्रसाद के लिए बना है वो पूरा आपको मंदिर ले जाना है। आप उसमे से थोड़ा सा परिवार के लिए नहीं छोड़ सकते।

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